बांग्लादेश में छात्र रैली का पुराना वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

बांग्लादेश की पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग के छात्र समर्थकों द्वारा आयोजित रैली का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर इस गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इसमें बांग्लादेश के हिंदुओं को उनपर हो रहे हमलों के मामलों में विरोध प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद मुस्लिम-बहुल देश में हिन्दुओं को निशाना बनाया गया है जिसके विरोध में हिन्दुओं ने प्रदर्शन भी किये हैं. लेकिन यह वीडियो 2023 में एक छात्र रैली को दिखाता है.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर 10 अगस्त 2024 को एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ढाका की सड़कों पर भगवा सैलाब, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में बांग्लादेश के हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं."

इस वीडियो में लोगों की एक बड़ी भीड़ को केसरिया रंग के कपड़ों में सड़क पर मार्च करते हुए देखा जा सकता है. 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 12 अगस्त 2024

वीडियो सोशल मीडिया पर ऐसे समय शेयर किया जा रहा है जब 1,000 से ज़्यादा हिंदू नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार से हिन्दुओं पर हो रहे हमलों को रोकने और उन्हें बचाने की मांग को लेकर इकठ्ठा हुए थे (आर्काइव्ड लिंक).

2009 से सत्ता पर काबिज हसीना के 5 अगस्त को छात्र आंदोलन के बाद इस्तीफ़ा देने और भारत भाग जाने के बाद हिंदुओं के खिलाफ़ हमलों की कई खबरें आईं हैं. 

हिंदू बांग्लादेश में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है और उन्हें हसीना की पार्टी, अवामी लीग का दृढ़ समर्थक माना जाता है (आर्काइव्ड लिंक).

इसी तरह के दावे से इस वीडियो को X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि यह वीडियो पुराना है और इसमें बांग्लादेश में हिंदुओं का विरोध प्रदर्शन नहीं दिखाया गया है.

2023 की छात्र रैली

कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हूबहू ऐसा ही एक वीडियो 2 सितंबर, 2023 को यूट्यूब पर अपलोड किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

बांग्ला कैप्शन के अनुसार वीडियो ढाका में अवामी लीग के नेता फहमी गुलंदाज़ बाबेल के नेतृत्व में एक "विशाल जुलूस" दिखाता है. 

नीचे गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का वीडियो (बाएं) और यूट्यूब पर मौजूद वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है. 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का वीडियो (बाएं) और यूट्यूब पर मौजूद वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

बाबेल ने 1 सितंबर, 2023 को इसी रैली की तस्वीरें अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर भी अपलोड की हैं (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट के कैप्शन के अनुसार यह रैली बांग्लादेश छात्र लीग - अवामी लीग की एक छात्र राजनीतिक इकाई - द्वारा आयोजित की गई थी जिसकी स्थापना हसीना के पिता शेख़ मुजीबुर्रहमान ने की थी. यह रैली रहमान और उनकी पत्नी शेख फाज़िलतुन्नेस मुजीब की याद में निकाली गई थी. 

बांग्लादेशी आउटलेट चैनल 24 ने 1 सितंबर, 2023 को एक वीडियो अपलोड किया जिसमें इसी वीडियो से मिलते जुलते दृश्य दिखाई देते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

ढाका ट्रिब्यून ने भी इसी दिन की रिपोर्ट में बताया कि हसीना ने परेड को संबोधित किया और पार्टी सदस्यों से बांग्लादेश की प्रगति में बाधा डालने की किसी भी साज़िश के  खिलाफ़ सतर्क रहने का आह्वान किया (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने इससे पहले बांग्लादेश हिंसा से संबंधित अन्य गलत सूचनाओं को यहां, यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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