गाज़ा का वीडियो बांग्लादेश में "हिन्दुओं पर अत्याचार" के दावे से शेयर किया गया

गाज़ा में पूर्व में हुए एक हवाई हमले के बाद एक बच्चे का फ़ुटेज सोशल मीडिया पोस्ट्स पर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को दिखाता है. हालांकि यह बच्चा गाज़ा के नुसीरत कैंप पर हुए हमले में फंस गया था, जहां इज़रायली सेना ने "आतंकवादियों" को निशाना बनाने का दावा किया था.

वीडियो को फ़ेसबुक पर 9 अगस्त 2024 को शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "यह एक बांग्लादेशी हिन्दू बच्चा है. जिसे अपने घर के बाहर फेंक दिया गया है और अंदर उसकी माँ का आर्तनाद सुनाई पड़ रहा है, उसका बलात्कार हो रहा है और शायद उसकी हत्या भी हो गई होगी. यह बच्चा यदि गाजा की सड़कों पर होता तो आज विश्व मीडिया का आवरण चित्र बना होता."

वीडियो में धूल से सने एक छोटे बच्चे को एक इमारत के पास अकेले बैठे देखा जा सकता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट

यह वीडियो ऐसे समय ऑनलाइन शेयर किया जा रहा है जब प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के तुरंत बाद बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हमलों की रिपोर्ट्स पर भारत सरकार ने चिंता जताई है (आर्काइव्ड लिंक).

बांग्लादेश में हिंदुओं को हसीना की अवामी लीग पार्टी का बड़ा समर्थक माना जाता रहा है.

गाज़ा का वीडियो

हालांकि वीडियो में गाज़ा में इज़रायली हमले में फंसे एक बच्चे को दिखाया गया है.

वीडियो के ऊपरी बाएं कोने पर अरबी समाचार चैनल अल जज़ीरा मुबाशेर का लोगो है.

अल जज़ीरा मुबाशेर ने 14 जुलाई, 2024 को इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया जिसका कैप्शन है: "गाज़ा के नुसीरत कैंप में यूएनआरडब्ल्यूए से संबद्ध अबू अरबन स्कूल में विस्थापित लोगों के लिए एक आश्रय स्थल को निशाना बनाकर किए गए इज़रायली हवाई हमले के बाद एक घबराया हुआ बच्चा अकेला बैठा हुआ है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और अल जज़ीरा मुबाशेर का वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और अल जज़ीरा मुबाशेर का वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना

विस्थापित लोगों को आश्रय दे रहे एक स्कूल पर इज़रायली सेना द्वारा किये गए इस हवाई हमले में 15 लोगों की मौत हुई थी. इज़रायली सेना ने दावा किया कि उसने "आतंकवादियों" को निशाना बनाते हुए ये हमला किया था (आर्काइव्ड लिंक).

इज़रायली आंकड़ों के आधार पर एएफ़पी के अनुसार, उस दिन दक्षिणी इज़रायल पर हमास के हमले में 1,199 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे.

अमेरिकी  ब्रॉडकास्टर सीबीएस न्यूज़ ने 20 जुलाई, 2024 को इसी बच्चे का एक समान वीडियो पब्लिश किया, जिसका श्रेय सलामा नबील यूनिस को दिया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

गाज़ा स्थित फ़ोटोग्राफ़र ने अपने इंस्टाग्राम पर यह वीडियो शेयर किया है.

एएफ़पी ने बांग्लादेश अशांति से जुड़ी अन्य फ़र्जी सूचनाओं का फ़ैक्ट-चेक यहां किया है. 

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