एंटी-तालिबान ग्रुप का पुराना वीडियो भारत-पाकिस्तान संघर्ष से जोड़कर वायरल

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चली भीषण लड़ाई मई 10, 2025 को घोषित युद्धविराम के बाद थम गई. इसके कुछ हफ़्ते बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया गया कि इसमें लिबरेशन फ़्रंट ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान ने भारत प्रशासित कश्मीर में हुए पहलगाम हमले के ज़िम्मेदार लोगों से बदला लेने की बात कही है. हालांकि असल में यह वीडियो हालिया संघर्ष से तीन साल पहले का है जिसका मूल ऑडियो डब किया गया है.

फ़ेसबुक पर जुलाई 4, 2025 को शेयर किए गए पोस्ट का कैप्शन है, "पहलगाम का बदला अभी पूरा नहीं हुआ... हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि पाकिस्तान या अन्य जगहों पर ISI के एक एक आतंकी को खोजकर खत्म नहीं कर देते: लिबरेशन फ़्रंट ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान ने आधिकारिक तौर पर दी चेतावनी."

वीडियो, जिसमें नीचे बाएं कोने में अफ़ग़ानिस्तान लिबरेशन फ़्रंट का लोगो है, चार बंदूकधारी नकाबपोश लोगों को दिखाता है -- जिसमें 20 सेकंड के बाद आवाज़ को अंग्रेज़ी में डब किया गया है.

वीडियो में व्यक्ति को पहलगाम हमले का "बदला" लेने की बात कहते सुना जा सकता है. पहलगाम भारत प्रशासित कश्मीर में वह जगह है जहां अप्रैल 22 को बंदूकधारियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी (आर्काइव्ड लिंक).

भारत ने पाकिस्तान पर "सीमा पार से आतंकवाद" को समर्थन देने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने ख़ारिज कर दिया -- जिसके बाद  उठाए गए कूटनीतिक कदम चार दिनों के संघर्ष में बदल गया जिसमें मई 10 को युद्धविराम होने से पहले तक दोनों देशों के 70 से ज़्यादा लोग मारे गए थे (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो में बंदूकधारियों ने कथित तौर पर आगे कहा, "यह अब कश्मीर या अफ़ग़ानिस्तान के बारे में नहीं है. यह आईएसआई के आतंकी सिंडिकेट को ख़त्म करने के बारे में है."

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, जुलाई 16, 2025 जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

वीडियो समान दावों के साथ फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और X पोस्ट्स पर भी शेयर की गई है.

एक पोस्ट के कमेंट में लिखा गया, "सभी देशों को एकजुट होकर आतंकवाद के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए."

एक अन्य ने कहा: "पाकिस्तान पर हर तरफ़ से हमला हो रहा है."

लेकिन यह वीडियो पहलगाम हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष से तीन साल पहले का है.

गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही फ़ुटेज मिला जो फ़रवरी 4, 2022 को "Liberation Front AFG" फ़ेसबुक पेज द्वारा प्रकाशित किया गया था. यह पेज अप्रैल 2022 से निष्क्रिय है (आर्काइव्ड लिंक).

इस फ़ुटेज में न तो अंग्रेज़ी भाषा का ऑडियो है और न ही सबटाइटल.

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गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और फ़ेसबुक क्लिप (दाएं) की स्क्रीनशॉट तुलना

वीडियो के स्क्रीनशॉट को न्यूज़ वेबसाइट 'अफ़ग़ानिस्तान इंटरनेशनल' और 'अल-ऐन न्यूज़' द्वारा फ़रवरी 2022 में प्रकाशित रिपोर्ट्स में भी शेयर किया गया था (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

रिपोर्ट्स के अनुसार, समूह ने कहा कि पत्रकारों को गिरफ़्तार करने, महिलाओं का दमन करने और उन्हें हाशिए पर डालने जैसी तालिबान की हरकतें उनके विद्रोह के कारणों में से एक थीं. साथ ही उन रिपोर्ट्स में भारत या पहलगाम का कोई ज़िक्र नहीं है.

एएफ़पी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष से संबंधित फ़र्ज़ी खबरों को यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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